क्या आप जानते है की शक्तिपात करने का असली अधिकारी कौन होता है।
क्या कोई शक्तिपात कर सकता है।
आपके दिमाग में ये प्रशन बहुत बार आया होगा। इसमें एक बात समझने की है की। कोई शक्तिपात कर नही सकता। अगर बह कहता हो की में शक्तिपात करता हु तो। यह बिलकुल धोखे की बात है। शक्तिपात को कोई कर नही सकता । परंतु किसी क्षण में यह किसी से भी हो सकता है। अगर कोई बहुत शून्य ब्यक्ति है। अंदर से बिलकुल मोन।
बह शक्तिपात को कर सकता है। बह शून्य स्टेज में एक प्रकार के conductor की तरह काम करता है। प्राकृतिक की विराट शक्ति उसके माध्यम से किसी दूसरे में प्रवेश कर सकती है। लेकिन कोई जान कर conductor नही बन सकता। क्योकि इसकी पहली शर्त यह है की। आपको इसके बारे में पता ना हो। इगो ना हो। अगर थोड़ी सी भी इगो है। तो उसी क्षण आप non conductor बन जाओगे।
शक्तिपात का अर्थ है की परमात्मा की शक्ति आप के भीतर प्रवेश हो रही है। यह शक्ति दो तरह से संभव है। जा तो आपसे शक्ति उठे और परमात्मा तक मिल जाये। जा इसके विपरीत। परमात्मा से शक्ति आये और आपके भीतर मिल जाये। बात एक ही है। बस देखने के ढंग है। जब परमात्मा की बिशाल शक्ति आपकी सोई शक्ति से मिलती है। तो एक explosion होता है। जो की आपके पुरे व्यक्तित्व को बदल कर रख देता है।
शक्तिपात देने वाला ब्यक्ति conductor से अधिक और कुछ नही। अगर उसमे जरा सा भी अहंकार आजाये। तो वो शक्तिपात नही कर सकता। शक्तिपात से हमारे शरीर की बहुत सी बीमारिया खत्म हो जाती है। क्योकि शक्तिपात के समय जब ऊर्जा हमारे अंदर आती है। तो जो नाडिया बंद पड़ी होती है। जा फिर कहे की अच्छे से खून का संचार नही करती। बह शक्तिपात की शक्ति से हमारी सभी नाडिया अच्छे से काम करना शुरू कर देती है।
हमारे Physiologist कहते है। की क्रोध की अवस्था में हमारा शरीर एक विशेष प्रकार का विष छोड़ता है। इसके बिलकुल विपरीत शक्तिपात के समय अमृत रूपी ऊर्जा हमारे शरीर में बहने लगती है। जिसका हमे बहुत फायदा होता है। जेसे की अपने महसूस किया होगा। की जब आप गहरे ध्यान में जाते हो। तो आपको अद्भुत सुगंध,रंग और ध्वनियां सुनाई देती है।
ये सब के सब chemical परिणाम है। क्योकि शरीर की पूरी केमिकल प्रक्रिया बदलने लगती है। अब आप पहले जैसे नही रहते। किसी नए आयाम में चले जाते है। आपके बोलने, सोचने का नजरिया बिलकुल बदल जाता है। शक्तिपात से हमारे शरीर में बहुत कुछ बदलने लग जाता है। हमारा oxygen और carbon का लेवल चेंज होने लगता है। ऑक्सीजन का लेवल अधिक और कार्बन का लेवल कम होने लगता है।
इसी के साथ हमारे शरीर के सारे तंतुओ का structure चेंज होने लगता है। और हमे एक नए प्रकार की शक्ति का आभास होने लगता है। क्योकि हमारे जीवन का सारा चक्र oxygen or carbon के विशेष अनुपात पर टिका है। जेसे ही ये चक्र टूटता है। हमारे जीवन में विशेष क्रियाएँ होनी शुरू हो जाती है।
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