हम अपने पिछले जन्म की बातो को भूल कियो जाते है।
होश से जन्म कैसे लिया जा सकता है?
मतलब की आप अपनी इच्छा के अनुसार अपना अगला जन्म ले सकते है। जैसे किसी अमीर के घर, किसी धर्म आत्मा के घर। इसे समझने की लिए आपको पहले समझना होगा की मृत्यु और जन्म एक ही घटना के दो छोर है। मृत्यु अगर होसपूर्ण हो जाए। तो जन्म का भी होसपूर्ण होना अनिवार्य है। मतलब की अगले जन्म के समय बह ब्यक्ति पुरे होस में रहता है।
हम तो जादातर लोग बेहोश होकर ही मरते है और बेहोश ही जन्म लेते है। इसलिए हमे अपने पिछले जन्मों का कुछ भी याद नही रहता। लेकिन पिछले जन्मों की सारी यादे हमारे मन के किसी कोने में सदा रहती है। यदि हम चाहे तो उस स्म्रति को जगा सकते है। और दूसरी बात, जन्म के समय हम कुछ नही कर सकते। जो भी कर सकते है। बह मृत्यु के पहले के समय ही कर सकते है। इसलिए अगर आप बेहोश मरते है। तो बेहोश ही जन्म लेगे।
होश से मरने से ही आप होश से जन्म ले सकते है। परंतु अगर आप चाहेगे की आप मृत्यु के समय में होश से मरे तो यह बहुत कठिन बात है। होश में रहने की साधना तो बहुत पहले से ही शुरू कर देनी होगी। उसकी तयारी पहले से ही करनी पड़ेगी। अगर तयारी नही है। तो बेहोशी तो आ ही जायेगी। होश में रहने के लिए गहरे ध्यान की जरूरत है।
इतने ध्यान की जिसमे आपको पता हो की शरीर अलग और आत्मा अलग है। हमारी प्रकृति हमे मरने के समय में बेहोश करने का काम करती है। क्योकि मृत्यु एक बहुत बड़ी ट्रांसफॉर्मेशन है। हम इस Transformation का दर्द सहने की लिए सक्षम नही होते।
इसलिए हम मृत्यु के समय में बेहोश हो जाते है। अगर हम होश से मरे तो हमे अपने पहले के जन्मों का बोध रहेगा। हम दोबारा उन्ही गढ़ो में नही गिरेगे। और अपना समय व्यर्थ की बातो पर खर्च नही करेगे। हम यही आदमी नही होंगे। जो हम आज है। हमारा सारा ब्यक्तित्व कुछ होर ही होगा। आप अब उस चक्र से बाहर आ जाओगे। आपने कई बार जन्म लिया है। और कई बार धन इकठा किया है। लेकिन मृत्यु ये सब आपसे छिन लेती है।
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