Ramayan की 10 रहस्यमयी बाते जिसे आपने शायद ही पहले कभी सुना हो।
आपने हमारे पिछले ब्लॉग में सम्पूर्ण Ramayan के बारे में जाना। जिसमे हमने रामायण के सात कांडो के बारे में सम्पूर्णता से बताया है। लेकिन दोस्तों रामायण के बारे में कुछ ऐसे रहस्य भी है। जिसे किसी ग्रन्थ या उपनिषद में तो नही लिखा पर वो मौखिक तोर पर एक पीडी से दूसरी पीडी तक इस रहस्य को बताया गया है। आज हम रामायण के 10 ऐसे रहस्यो के बारे में बात करेगे। जिसे अपने कभी नही सुना होगा।
तो आईये जानते है। Ramayan के 10 रहस्यो के बारे में।
>>> जब श्री राम का जन्म हुआ तब चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि थी। उस समय सूर्य,मंगल,शनि,गुरु और शुक्र अपने उच्च स्थान में थे और लग्न में चंद्रमा के साथ गुरु विराजमान था। यह ग्रह दशा सबसे उत्तम मानी जाती है। इस समय जन्म लेने वाला बालक अलौकिक होता है।
>>> जब राजा दशरथ ने श्री राम को वनवास दिया तब उनको आयु 27 बर्ष की थी। राजा दशरथ अपने दिल से राम को वनवास नही देना चाहते थे। लेकिन केकयी को दिए वचन ने राजा के हाथ बांध रखे थे। जब राम को रोकने का कोई उपाय न मिला तो राजा ने राम को यह तक कह दिया था। की मुझे बंदी बना दे और स्वयं राजा बन जाओ।
>>> हम सभी यह जानते है। की सरूपनखा के कारण ही रावण ने सीता का अपहरण किया। लेकिन हम यह नही जानते की शरूपनखा ने अपने मन ही मन रावण का सर्वनाश होने का श्राप दिया था। क्योकि रावण ने शरूपनखा के पति का वध किया था। इस कारण उसने अपने मन ही मन रावण को श्राप दिया की में तेरे विनाश का कारण बनुगी।
>>> जब पवन पुत्र हनुमान लंका में आग लगा रहे थे। तब उन्होंने रावण की कोठरी में शनि देव को बंदी पाया देखा। उस समय हनुमान ने शनिदेव को रावण के बंधन से मुक्त किया। जिसके कारण शनि देव ने हनुमान को वरदान दिया। की जो आपका भक्त होगा। मेरी उस पर कभी भी कुदृष्टि नही पड़ेगी। इस कारण शनिवार के दिन मंदिरो में हनुमान चालीस का पाठ किया जाता है।
>>> क्या आप जानते है। जो सीता माता रावण के पास थी वो माता नही थी। बल्कि उनका प्रतिविम्ब था। यह बात तबकी है। जब श्री राम ने खर दूषण को मारा तो श्री राम ने माता सीता को कहा को अब रावण कोई चाल खेलेगा। तो उस समय श्री राम ने अग्नि प्रजालित की और माता सीता श्री राम की आज्ञा लेकर अग्नि में प्रवेश कर गयी और ब्रह्मा जी ने सीता जी के स्थान पर उनके प्रतिभिम्ब को ही खड़ा कर दिया।
>>> अब आपको पता लग ही गया होगा। की श्री राम ने माता सीता की अग्नि परीक्षा लेने का क्या कारण था। क्योकि माता सीता के प्रतिभिम्ब को अग्नि देवता को लोटा कर । अग्नि को प्रदान असली सीता को बापिस लेना था।
>>> आज के वानर और पुरातन काल के वानर में बहुत ही अंतर था। उस समय की वानर जाती का नाम कपि था। इस जाती की जीव मनुष्य और वानर की प्रजाति के वीच की सीडी थी। जिनके मुख और पुंछ वानर जैसी थी और शरीर के दूसरे अंग मनुष्य के तरह थे। कहा जाता है। की इंडोनेशिया के द्वीप बाली में आज भी पूंछधारि मनुष्य का अस्तित्व पाया जाता है।
>>> दोस्तों क्या आप जमते है। की सबसे पहले रामायण की कथा किसने सुनाई थी। तो इसका उत्तर है भगवान राम के पुत्र लव और कुश ने, जी हां दोस्तों, लव कुश ने रामायण की कथा सबसे पहले अपने पिता राम से सामने सुनाई थी। कथा पुरे होने के बाद दोनों ने यह भी कहा था। की पितु भाग्य हमारे जागे, राम कथा कहि राम के आगे।
>>> जब श्री राम और उनकी सेना ने पुल का निर्माण किया। तो वह लंबाई में 100 योजन और चोड़ाई में 10 योजन का था। रामायण के अनुसार पुल को बनने में तकरीबन 5 दिन लगे। जिसमे
पहले दिन 14 योजन
>>> दूसरे दिन 20 योजन
>>> तीसरे दिन 21 योजन
>>> चोथे दिन 22 योजन
>>> पांचवे दिन 23 योजन
के पुल का निर्माण किया था।
आपको बता दे की 1 योजन में 13 किमी होते है।
>>> दोस्तों हैरानी की बात यह है, की रामायण की रचना तब तक हो गयी थी। जब की राम का जन्म भी नही हुआ था। इसकी रचना महाऋषि वाल्मीकि ने की थी और इस महाकाव्य में 24 हजार श्लोक, 500 उपखंड और 7 कांड है।
तो दोस्तों यह थे Ramayan के वो 10 चुनिंदा रहस्य । अगर आपको यह रहस्य अच्छे लगे तो अपने दोस्तों को शेयर कर बताना मत भूलना। अगर अको हमारी किसी बात से ठेस पहुंची हो तो हमे क्षमा करना।
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