एक गुब्बारे ने बदल दी 100 लोगो की जिंदगी, जानिए कैसे !! || Best hindi Story with motivation
एक बार 100 लोगों का एक समूह व्यक्तिगत विकास पर एक सेमिनार में भाग लेने के लिए एकत्रित हुए |
वक्ता अपना भाषण दे रहा था, कुछ लोग बहुत ध्यान से उसकी बातें सुन रहे थे और कुछ अपनी ही बातों में लगे हुए थे |
वक्ता बहुत कोशिश करता है की सब उसकी बात सुने परन्तु लोग अपनी ही बातों में मस्त थे |
उनकी बातचीत के बीच में, वक्ता कुछ सोचकर रुक जाता है और वह प्रत्येक उपस्थित व्यक्ति को एक गुब्बारा देता है
और उनसे उसे फुला कर, उस पर अपना नाम लिखने के लिए कहता है।
फिर सभी के गुब्बारों को इकट्ठा किया जाता है और बगल के कमरे में रख दिया जाता है।
फिर वक्ता 100 उपस्थित लोगों को उस कमरे में प्रवेश करने का निर्देश देता है और, कहता है 5 मिनट के भीतर,
अपने अपने नाम वाला गुब्बारा ढूंढ कर लाओ।
यह सुनते ही वे सब आक्रमण करते हैं, धक्का देते हैं और एक-दूसरे से टकराते हैं तो अफरा-तफरी मच जाती है
और वे बेसब्री से अपना नाम खोजने लगते हैं।
5 मिनट बीत जाते हैं और कोई भी सफल नहीं होता |
फिर वक्ता कहता है की प्रत्येक व्यक्ति को कोई भी गुब्बारा उठा कर लाये और उस व्यक्ति को दे जिसका नाम उस पर लिखा है।
कुछ ही मिनटों में सभी के पास अपने अपने नाम वाला गुब्बारा वापस आ जाता है और सब लोग खुश हो जाते हैं |
फिर वक्ता कहते हैं, “उन गुब्बारों के साथ जो हुआ, हमारा जीवन भी बिल्कुल वैसा ही है| जैसे हम अपनी खुशियों की तलाश करते हैं,
हम बेचैनी से इसे अपने चारों ओर ढूंढते हैं, पर हमे पता नहीं होता के न जाने वह कहां है।”
"जब आप सब अपने अपने नाम का गुब्बारा ढूंढ रहे थे तो न मिलने पर आप सब निराश हो गए , और जब आपने किसी दूसरे के नाम
वाला गुब्बारा उठा कर सही व्यक्ति को दिया , तो आप सुब खुश हो गए" |
“मित्रों, हमे ये समझ लेना चाहिए की हमारी ख़ुशी दूसरों की ख़ुशी में निहित है। उन्हें उनकी ख़ुशी देकर, आप अपनी ख़ुशी प्राप्त करते हैं।”
कहानी की सिख:
खुशी और संतुष्टि शायद ही कभी स्वार्थी कार्यों से आती है, लेकिन लगभग हमेशा दूसरों के लिए अच्छे काम करने से आती है।
दूसरों की मदद करके हम अपनी मदद करते हैं।
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