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एक छोटी सी बेहतरीन कहानी ( एक बार जरूर सुने ) - जिंदगी में दोस्ती का महत्त्व | moral hindi story

ये कहानी एक मछली की जो की बहुत ही झगड़ालू थी। 

वो अपने साथी मछलिओं के साथ हमेशा लड़ती रहती और उन्हें नए नए तरीकों से परेशान करती। 

एक दिन उससे तंग आकर उसके साथियों ने योजना बनाई की रात को जब ये गहरी नींद में सो रही होगी तो हम सब इसे छोड़कर किसी दूसरी जगह में चले जायेंगे।

अपनी योजना के तहत उसके सभी साथी रात को मौका मिलते ही उसे छोड़कर भाग गए। अगली सुबह जब वो मछली उठी तो उसने देखा की वो वहां अकेली है और उसके सभी साथी गायब हो चुके थे। 

उसने इधर उधर अपने साथियों की तलाश करी लेकिन उसे कोई नही मिला। वो समझ गई  की उससे परेशान होकर उसके साथियों ने उसे छोड़ दिया है।

कुछ महीने बीत गए वो मछली अकेली उस समुन्द्र में बहुत परेशान हो गयी। उसकी जिंदगी एक दम नीरस हो गई। 

अपनी जिंदगी से परेशान होकर उसने मरने का फैंसला किया। लेकिन खुद को मारने की उसमे हिम्मत नही आई। 

वो समुन्द्र में इधर उधर भटकने लगी। तभी उसकी नजर एक बूढी शार्क पर पड़ी। वो शार्क आराम कर रही थी। 

मछली ने सोचा मैं खुद को तो नही मार सकती लेकिन ये शार्क जरूर मुझे मारकर खा सकती है।

मछली तैरती हुई शार्क के पास गयी उसकी पूंछ खींचने लग गयी।

शार्क को जैसे ही पूंछ खींचने का एहसास हुआ तो तेजी से उठी और मछली की तरफ झपटी। मछली डर के मारे किसी पथर के निचे छुप गयी।

शार्क का निवाला बनने की उसकी हिम्मत नही हो पाई। उसने फिर से एक बार शार्क की पूंछ खींची और इस बार भी वो शार्क की पकड़ में नहीं आई। 

शार्क ने सोचा की ये मछली फिर से मेरी पूंछ खींचने की कोशिश करेगी तो इस बार मैं सोने का नाटक करती हूं,

जैसे ही ये पास आएगी तो में इसे पकड़ लुंगी। तीसरी कोशिश में मछली पकड़ी गयी।

मछली को अपने चंगुल में लेकर शार्क बोली, “इस पूरे समुन्द्र में खेलने को तुम्हें सिर्फ मैं ही मिली।

अपनी इस शरारत के बदले अब तुम अपनी जान से जाओगी।”

तो मछली ने शार्क को शरारत करने की असली वजह बताई और बोली, “अब आप ही हैं जो मुझे मेरी इस उदास जिंदगी से छुटकारा दिला सकती हैं।”

मछली की बातों को जानकर, शार्क ने इधर उधर देखा और बोला, “मेरे पूंछ खींचते हुवे तुम्हें किसी और ने तो नही देखा ?”

मछली बोला, “नही आपके और मेरे अलावा यहाँ कोई है ही नही।”

ऐसा सुनकर शार्क ने मछली को छोड़ दिया और कहा, “तुम्हारी तरह मैं भी बहुत समय से अकेली हूं। मेरे साथी यहां से चले गए लेकिन मैं उनके साथ नही गयी। 

आज बहुत दिनों बाद किसी ने मुझे परेशान किया, जिससे मेरी उदास सी जिंदगी में थोड़ा मजा लौट कर आया। मैं तुम्हें मार नही सकती।”

अब उन दोनों में दोस्ती हो गयी। वो दोनो एक साथ रहने और खेलने लग गयी।


जिंदगी के कुछ लम्हें ऐसे होते हैं जिन्हें हम अपने दोस्तों के साथ ही एंजॉय कर सकते हैं।

एक अच्छा दोस्त होना और खुद भी एक अच्छा दोस्त बनना बहुत जरूरी है।



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