क्या आप ध्यान के सही मार्ग पर हो या आत्म सम्मोहन का प्रभाव है।
सभी आध्यात्मिक उपलब्धियो का नकली पहलु भी है। जैसे की अगर असली कुण्डलिनी है। तो नकली कुण्डलिनी भी है। अगर असली चक्र है तो नकली चक्र भी है। इन दोनों में फरक एक ही है। सभी असली उपलब्धिया आध्यात्मिक तल पर होती है। जबकि नकली उपलब्धिया मानसिक तल पर होती है। जैसे की अगर कोई ब्यक्ति जब अपने शरीर की बहुत गहराई में जाता है। तो उसे अनेक प्रकार की सुगंधे आती है। अनेक प्रकार की आवाजे सुनाई देती है और अनेक प्रकार के रंग भी दिखाई देते है।
लेकिन ये सब बाते Hypnosis से तुरंत पैदा की जा सकती है। इसके लिए किसी प्रकार की साधना से गुजरने की जरुरत नही। बस बेहोश होने की जरुरत है। और तब जो भी बाहर से बताया जायेगा। वो भीतर प्रगट होना शुरू हो जायेगा। ये सब False Point है। ध्यान में जो भी घटित होता है।
वो सब हिप्नोसिस से तुरंत प्रकट हो सकता है। लेकिन ये आध्यात्मिक नही है। तो इस तरह की प्रिक्रिया है। जिसके चलते आपके भीतर ऐसे सपने डाले जा सकते है। इन सपनो को आप जिंदगी भर भी साध सकते हो। लेकिन अंत में पाओगे की आप कही नही पहुंचे। कोई भी दूसरा ब्यक्ति यह सपने आपके भीतर पैदा कर सकता है।
और यह पहचानना मुश्किल हो जायेगा की यह सब अनुभूतिया असली है या नकली। जब तक आपको असली अनुभूति नही होती। तब तक असली और नकली में फर्क नही कर सकते। इस दुनिया में जो भी बुद्धि मान लोग हुए है। उन्होंने शास्त्रों में कुछ भूले छोड़ी हुई है। जो की पहचान के लिए है। जैसे की अगर मेने आपको कहा की इस मकान में 4 कमरे है। लेकिन असल में 6 कमरे है। तो आपके मकान देखने के बाद में आपसे पुछु की कितने कमरे है।
अगर अपने मकान को नही देखा तो आप 4 कमरे ही कहोगे। इससे पता लग जायेगा की आप मकान को देख कर आये हो जा नही। इसी प्रकार अगर बिलकुल किताबो के लिखे अनुसार घटनाये आपके साथ बीते तो समझना की अभी तक घटनाये असली नही बल्कि बह किताब आपमें Project हो रही है। अगर कुछ बाते किताब से match हो रही है। और कुछ नही। तो आप समझ लेना की आप सही Track पर हो।
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