भगवान कृष्ण के अंगूठे और उनकी मृत्यु का रहस्य ? || Hindi krishna story
भगवान कृष्ण एक बार एक पेड़ के नीचे बैठे बिश्राम कर रहे थे ।
तभी एक जरा नामक बहेलिया आया और उनके पैरों में चमक रही मणि को देखकर उसे ऐसा प्रतीत हुआ कि कोई हिरण की आंख चमक रही है।
और उसने पैरो पर बाण चला दिया और बाण का बहाना बना कर भगवान कृष्ण ने वही देह त्याग दिया।
क्या आप जानते है की वह जरा नामक बहेलिया और कोई नहीं बल्कि एकलब्य था इसके बारे में हम अगली वीडियो में विस्तार से जानेगे।
तो अब यह बात सोचने वाली है की तीनो लोको के स्वामी एक वान से कैसे मारे गए। क्या उनके पैर का अंगूठा इतना कमजोर था।
अगर हाँ तो वः अंगूठा इतना कमजोर कैसे हो गया।
तो इसे समझने के लिए हमे महाभारत के एक किस्से हो जानना होगा।
महाभारत के बृतान्त के अनुसार भीम के पौत्र और घटोचक के पुत्र बर्बरीक बहुत ही शक्तिशाली थे,
उसने एक बार कहा की वः इतना शक्तिशाली है की एक बाण से पुरे महाभारत के युद्ध को समाप्त कर सकता है, तब किसी को उसकी बात का विश्वाश नहीं हुआ
तब बर्बरीक ने उनको विश्वाश दिलाने के लिए कहा की वो इस पेड़ के सभी पत्तों को एक साथ एक ही बाण से भेद सकता है तभी भगवान कृष्ण ने उस पेड़ के
एक पत्ते को अपने पैरों के तले में दबा लिया और फिर बर्बरीक ने बाण चलाया।
और सभी पत्तों को देखा, तो सभी पत्तों में छेद था तभी भगवन कृष्ण मुस्कुराये और बोले एक पत्ते में अब भी छेद नहीं हुआ ,
तो बर्बरीक ने जोर देकर कहा ऐसा नहीं हो सकता ,
तब भगवान कृष्ण ने अपने पैरोंतले दबे उंस पत्ते को उठाया और उसे देखने लगे, परन्तु उसमे भी छेद था और बर्बरीक का बाण ने उनके तलवे को भेदते हुआ
उस पत्ते को भी भेद दिया था , ये देख भगवन कृष्ण भी हैरान हो गए , उनको लगा की ये एक ही बाण में सभी का वध कर देगा
और बर्बरीक कमजोर पक्ष से ही युद्व लड़ेगा ऐसा वचन अपने गुरु को दे चुका था
अगर उसको युद्ध के दौरान कभी भी आभास हुआ कि कौरव कमजोर है तो वो कौरवों की तरफ से युद्ध लड़ने लगता ऐसे में पाण्डवो का हराना सुनिश्चित हो जाता ,
तब कृष्ण भगवान ने एक चाल चली और अर्जुन से कहा कि अर्जुन तुमको इस युद्ध मे विजयी होने के लिए अपनी बलि देनी होगी नही
तो तुम्हारे भाइयो में से किसी को अपनी बलि देनी होगी ,
इस पर बर्बरीक ने भगवान कृष्ण को रोका , और कहा अगर किसी अपने को ही बलि देनी है तो मैं भी पाण्डु का ही वंशज हूँ
मेरी बलि दी जायेगी मेरे होते हुवे मेरे पितामहः को बलि देनी पड़े तो मेरा जीवन बेकार है , और स्वम् बर्बरीक ने अपना सर काटकर कृष्ण भगवान को दे दिया।
Leave A Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *