भुत के कैमरे में कैद होने का क्या कारण है।
क्या आत्मा के चित्र लिए जा सकते है?
प्रेत आत्मा के चित्र लिए जा सकते है। प्रेत आत्मा के पास भौतिक शरीर नही होता। उनकी बॉडी एथेरिक होती है। जबकि हमारी बॉडी भौतिक होती है। Etheric बॉडी में एटम बहुत दूर दूर होते है। आत्मा के चित्र लेने तब संभव होते है। जब उनकी एथ्रिक बॉडी बहुत Condensed होती है। तो खास कैमरे की मदद से जो बहुत सेंसटिव होता है।
उस Condensed बॉडी के चित्र लिए जा सकते है। Ethric बॉडी का फायदा यह है। की जब प्रेत आत्मा चाहे की में जहा प्रगट हो जाऊ तो वो अपने एथ्रिक बॉडी को कंडेंस्ड कर, बह स्थान पर आसानी से प्रगट हो सकती है।
Condensed सिचुएशन में उसके दूर पड़े अनु पास-पास आ जाते है। पास आने के बाद अनु एक रूप धारण कर लेते है। तब हम उस का चित्र ले सकते है। यह हमारा एथ्रिक शरीर हमारे मन से बहुत ज्यादा प्रव्हावित होता है। इतना हमारा भौतिक शरीर नही होता। एस्ट्रल शरीर इससे भी जादा मन से प्रभावित होता है।
एस्ट्रल Travelling संभव है?
एस्ट्रल Travelling में इंसान एक बंद कमरे में बैठ कर भी अपने एस्ट्रल शरीर से पूरी दुनिया घूम सकता है। जैसे की आपने कई बार सुना होगा की एक आदमी को अलग-अलग जगह पर एक टाइम देखा है। यह सब एस्ट्रल Travelling से संभव हो सकता है। इस विद्या को हासिल करना बहुत ही आसान है।
बस थोड़े से अभ्यास से आप अपनी एस्ट्रल बॉडी से सारी दुनिया घूम सकते है। जितने हम भीतर जाते है। उतनी मन की शक्ति बढ़ती है। आप जितना शरीर के भीतर जाओगे। आपका अपने शरीर पर उतना काबू बड़ जायेगा। हमारे शरीर के अंदर सात शरीर होते है। एस्ट्रल बॉडी हमारा तीसरा शरीर है। यह बॉडी हमारे विचारो के अणुओ से बनी है। विचार भी भौतिक अस्तित्व रखता है।
जैसे आप कोई विचार करते हो तो आपके आस-पास की तरंगे बदल जाती है। विचार के शब्दों की अपनी अलग-अलग वेवलेंथ है। जब आप कुछ सोच रहे हो तो आपके आस पास कुछ विशेस प्रकार की तरंगे फैलनी शुरू हो जाती है। इसलिए कई बार आपको किसी आदमी के पास बैठ कर एक अलग प्रकार की उदासी या प्रसन्ता का अनुभव होता है।
कभी आपका मन शांत हो जाता है। तो कभी अशांत। आप हैरान हो जाते हो। यह इस लिए होता है। की आपके चारो तरफ विचारो की तरंगे फेली हुई है और वो तरंगे आपके भीतर 24 घंटे प्रवेश करती रहती है।
थोड़े टाइम पहले एक फ्रेंच विज्ञानिक ने एक यंत्र का अविष्कार किया है। जो की बिचार की तरंगो का पता लगा सकता है। जब कोई मुर्ख व्यक्ति उस यंत्र के पास आता है तो। बह यंत्र बहुत कम तरंगे पकड़ता है। क्योकि मुर्ख ब्यक्ति बहुत कम विचार करता है। और अगर किसी बहुत ही प्रतिव्हशाली ब्यक्ति को उस यंत्र के पास लाया जाये तो वो यंत्र बहुत कम्पन देने लगता है। तो जिसको हम मन कहते है। वो एस्ट्रल का सूक्षम से भी सूक्षम है।
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