टीचर ने 500 के नोट के साथ ऐसा क्यो किया ? || Best hindi Story with motivation
स्कूल का पहला दिन था, एक शिक्षक अपने छात्रों को जीवन का महत्वपूर्ण सबक सिखाने के लिए एक खेल खेलता है।
स्कूल का पहला दिन और सभी छात्र अपनी अपनी छुटियों की कहानियां एक दूसरे को बताने में व्यस्त, कोई भी टीचर के आने पर ध्यान नहीं दे रहा।
तो टीचर ने ज़ोर से आवाज़ लगाई और अपने छात्रों के सामने 500 रुपये का नोट लेकर खड़ा हो जाता है।
वह उनसे कहता है, "अगर तुम्हें यह पैसा चाहिए तो अपने हाथ ऊपर करो"।
कमरे में हर हाथ ऊपर उठता है,
जिस पर टीचर कहते हैं, "मैं यह पैसे यहां किसी को देने जा रहा हूं, लेकिन पहले मुझे यह, एक काम करने दो..."
वह 500 के नोट को अपने हाथो से पूरी तरह मोड़ देता है और फिर विद्यार्थीओ से पूछता है, "अब इस 500 के नोट को कौन - कौन चाहता है?"
सभी बच्चों के हाथ ऊपर ही रहते हैं.
फिर टीचर 500 के नोट को फर्श पर गिरा देता है,
पैरों से कुछ समय मसलने के बाद, वः उस 500 के नॉट को वापस उठा लेता है। और अपने विद्यार्थीओ से पूछता है "अब क्या विचार है आपके ,
क्या अब भी कोई इसे लेना चाहता है ?"
सभी बच्चों के हाथ अब भी ऊपर ही रहते हैं.
तो अब टीचर बोलता है
“छात्रों, मुझे आशा है कि आपको यह पाठ समझ आया होगा।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैंने इस 500 के नोट के साथ क्या किया, आप अभी भी इसे चाहते थे क्योंकि इसका मूल्य वही का वही रहा।
यहां तक कि इसकी सिलवटे और गंदगी के बावजूद, इसकी कीमत अभी भी 500 रुपये ही है।"
और अब टीचर आगे कहता हैं, हमारी जिंदगी में भी कुछ ऐसा ही होता है। आपके जीवन में भी ऐसा ही समय आ सकता है की
जब आप इस दुनिया के द्वारा गिरा दिए जाये, अपने प्रतिदवन्दी के द्वारा घायल हो जाये। मतलब की बिज़नेस में घाटा पड़ जाये।
फिर चाहे कुछ भी हो जाए, आपको अपने मूल्यों को कभी भी, किसी भी हल में खोने नहीं देना, मेरे दोस्त !!
यदि आप अपने नैतिक मूल्यों पर अटल रहते हैं तो कोई भी आपको हरा नहीं सकता।
तो कहानी का सार :
जीवन में कठिनाइयाँ तो आएगी मेरे दोस्त !! हम सभी को कभी न कभी इसका सामना तो करना ही पड़ेगा,
इससे अच्छा है की हम पहले से ही इसकी तयारी कर ले!
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