हमारे दुखो का क्या कारण है और इनसे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।
आपके जीवन में कष्ठ होने का क्या कारण है?
हम में से जादातर लोग कष्ठ मय जीवन जीते है । क्योकि वो अपना जीवन अँधेरे में जीते है। जैसे की किसी अँधेरे कमरे में अगर कोई ब्यक्ति चले। तो वो इधर उधर टकराएगा। अगर दूसरी तरफ कहि से रौशनी आ जाये तो आप बिलकुल सीधे रस्ते चलोगे। दुःख का कारण बह अँधेरा हैं।
दुःख को दूर करने के लिए रौशनी की जरुरत है। अँधेरे का मतलब आपकी मूर्छा है। मतलब की आप बिना अपने शरीर के प्रति जागरूक हुए, काम करते जा रहे हो । आप अपने दुखो को भूलने के लिए आप शराब का सेबन करने लग जाते हो।
जिससे कुछ समय के लिए आपके दुःख । आपके मन के एक कोने में चले जाते है। लेकिन जब शराब जैसे नशीले पदार्थि का प्रभाव कम होता है। तो वो दबे दुःख जादा तीव्रता से बाहर आते है। आपके दुखो का कारण यह है की। आप अपने दुखो को गहराई से नही समझते। आप बस ऊपर ऊपर से अपनी जिंदगी को जिए चले जाते हो। अगर आपको अपने दुखो से छुटकारा पाना है तो आपको इन्हें गहराई से समझना होगा।
इसे जानना होगा की यह दुःख क्यो है? कहा से आये है?
क्या सच में इन दुखो के होने की कोई वजह है या फिर आप वेसे ही दुखी हो। अपने दुखो के प्रति अवेयरनेस ही आपको अपने दुखो से दूर लेकर जाने में सहाई है। दुखी इंसान का मन सबसे जादा अशांत रहता है। उस अशांति के चलते आप को कुछ समझ नही आता की आपके साथ क्या हो रहा है।
आप जिंदगी में क्या कर रहे हो और आगे आपने क्या करना है। यह अशांत मन आपको होर अशांति के चक्र में ले जाता है। अब बस आप एक भूल भुलैये में फसकर रह जाते हो। अपने दुखो से बाहर निकलने के लिए आपको अशांति से बहार निकलना पड़ेगा। यह तब होगा, जब आपका मन शांत होगा।
अब प्रशण उठता है की मन कैसे शांत होगा?
आज के जग में बहुत सारी ऐसी क्रियाएँ है। जिससे आप अपने मन को शांत कर सकते हो। जैसे की अपना पसंदीदा संगीत सुन्ना, जा फिर कहि अपने घर से बाहर घूमने जाना आदि। पर से सब क्रियाएँ थोड़े समय के लिए कारगर होती है। कुछ समय बाद इनका प्रभाव चला जाता है। पर ध्यान एक ऐसी क्रिया है। जो की हमेशा के लिए आपके सभी तनाव और अशांत मन को शांत करने में कारगर है।
पर ध्यान रहे Meditation के शुरुवाती समय में आपका मन बहुत अशांत होगा। आपको ध्यान में बैठने में बहुत मुश्किल होगी। क्योकि आपके सारे बिचार ,सारे दुःख जो आपके मन में इकठे थे। वो धीरे-धीरे कर बहार निकलना शुरू करेगे।
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