आप हर काम को अच्छे से क्यो नही कर पाते।
आप अपनी जिंदगी भर विचारो का सहारा लेते है। हर काम करते समय कुछ न कुछ सोचते ही रहते है। क्या अपने कभी सोचा है। की आप आखिर कार सोच क्या रहे हो। क्या आप जो काम करते हो उसी के बारे में सोच रहे हो जा। उसके आगे चल कर होने वाले परिणामो के बारे में सोच रहे हो।
जैसे की आप अगर परीक्षा देने के लिये किसी पुस्तक को पड़ रहे हो। तो आपका ध्यान उस पुस्तक पर कम बल्कि परीक्षा में क्या होगा या परीक्षा में क्या आने वाला है। इस पर जादा होता है।
जिसके चलते आप अपने कर्म जाने की । उस पुस्तक में दिए हुआ ज्ञान को अर्जित करने में असमर्थ हो जाते हो। ऐसा हो हमारी सारी जिंदगी का सार है। हम अब जो भी काम करते है। उस पर ध्यान कम देते है और उस काम करने से आगे चलकर होने वाले मुनाफे या घाटे के बारे में पहले से हो सोचने लग जाते है।
जिससे होता यह है। की आप अपने द्वारा किसी भी काम को अच्छे से नही कर पाते। और आगे चलकर उसका सही परिणाम भी नही आता। अगर आप विचारशून्यता से काम करोगे।
मतलब की काम कर रहे हो। पर उसके आगे की नही सोचते। सिर्फ जी काम कर रहे हो बस। उसी पर ध्यान एकाग्र करना है। जो दुनिया की कोई भी ताकत आपको उस काम में सफल होने से नही रोक सकती। अभी तो यह करना मुश्किल सा प्रतीत हो रहा होगा। क्योकि विचारो का बहुत बड़ा जाल आपके मन और मस्तिष्क में फेला हुआ है। जो की धीरे धीरे साफ होगा। उसे साफ करने के लिए आपको सबसे पहले अपने छोटे छोटे कामो में शून्यता को लाना है।
जैसे की आप बर्तन को साफ कर रहे हो। या फिर गाड़ी चला रहे हो। तो आपको अपने आप को कहना है। जब तक में बर्तन साफ कर रहा हु। या फिर जब तक में गाड़ी चला रहा हु। तब तक में किसी दूसरी चीज के बारे में नही सोचुगा।अगर आप यह प्रयोग अपने
हर रोज के छोटे छोटे कामो में करते रहे तो आप थोड़े हो समय बाद महसूस करोगे की आप का मन एक ही काम में स्थिर होने लगा। आप अब जो काम करते हो। बस उसी जगह आपका मन स्थिर हो गया है। तो चलिए देर किस बात की है। आज से ही शुरू करदे। और थोड़े ही दिनों बाद आपको कैसा महसूस हुआ यह हमे जरूर बताना।
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