Love Quotes
सुना था प्यार जन्नत है, मैंने भी यह जन्नत पानी चाही, तो अपना इक लोत्ता प्यारा सा दिल गवां बैठी। अब दिल गवां कर अजीब से लगती है शाम कभी कभी, ज़िन्दगी लगती है बेज़ान सी कभी कभी। नम हो उठती है आंखें यह सोच कर कि मैंने उसे अपनी जान से भी ज्यादा चाहा, उसकी हर इक बात को पत्थर की लकीर माना, उसे हर इक खुशी देनी चाही, मैंने उसके साथ पूरी वफा की , चोट उस लगती तो दर्द मुझे होता, दुख उसे होता तो आंसू मेरे निकलते लेकिन वो मेरे दिल की गहराई को समझ पाया ही नहीं, वक़्त मेरे लिए वो निकाल पाया ही नहीं। क्या महसूस होगी उसे कमी मेरी, जब खुदा ने मुझे ऐसा बनाया ही नहीं। उसने तो शायद मुझे कभी चाहा ही नहीं, लेकिन मेरी आंखों में सारी उमर उसका ही सपना रहा । सदियां बीत गई लेकिन उसके संग बिताया हर इक लम्हा याद रहा। ना जाने क्या बात थी उसने की वो चोट पर चोट देता गया और मै फिर भी उसी का दीदार करती रही। सारी महफ़िल भूल गई लेकिन उसका चेहरा सदा निग़ाहों के सामने रहा । मै तो चली थी जन्नत पाने लेकिन जब करीब से अपनी किस्मत को आजमाया तो समझ आया कि जन्नत मुक्कदर है कोई ख्वाब नहीं, यह वो अदा है जिसमें सब कामयाब नहीं। जब इस जन्नत में पनाह नहीं मिली तो मैंने तन्हाइयो के शहर में अपना इक घर बना लिया , रुसवाइयों को अपना मुक्कदर बना लिया, देखा कि यहां पत्थर की मूरत को पूजते है लोग इसलिए खुद को ही पत्थर की मूरत बना लिया ।
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