इस प्रकार होता है आपका मन अशांत।
कितनी अजीब सी बात है। की बाहर के शोर गुल को देखते देखते। आपको अपने अंदर का शोर गुल सुनाई देना बंद हो गया है। आप इतनी भीड़ में जी रहे हो की आपको अपने आपको समज़हने का भी समय नही है। अगर आप अपने पिछले वखत में झांको गे तो क्या पाओगे। बचपन में स्कूल, फिर थोड़े बड़े होते ही Collage , उसके बाद Job, फिर शादी।
उसके बाद घृस्तियो की जिमेवरिया। फिर कुछ, फिर कुछ, आपके पास समय ही नही होता। अपने मन को समझने का। उसमे होने वाली क्रियाओ को देखने का। की आप जो कर रहे हो। वो आखिरकार करना भी चाहते हो। या सब कुछ अपने आप ही हो रहा है। कई बार तो आपको ऐसा प्रतीत हुआ होगा। जैसे की आप कोई सुपना देख रहे हो। यह तब होता है। जब आपका मन आपके बे अर्थ के बिचारो से भर जाता है। तो वो उन वुचारो को कण्ट्रोल नही कर पाता। और तब वो Neutral स्टेज में पहुंच जाता है। जिससे आपको सुपने जैसा प्रतीत होता है। हम में सबसे बड़ी कमी है की। हम सब काम को कल में टाल देते है।
कुछ भी अभी करने का मन नही करता। यह आदत आपको बचपन से ही है। जैसे की आप याद करो। जब आप स्कूल में होते थे। तो पड़ने को हमेशा कल पर टाल देते थे। और जब एग्जाम का टाइम होता। तब ही एक दिन में इतना सब याद कर लेते। जितना की शायद पुरे Semester में भी कर पाते थे। तो इससे क्या पता लगता है। की जब तक कोई Pressure न हो आप पर आप तब तक कोई भी काम करने में आलस करोगे। इस आलस के चलते है। आपका मन अशांत होता रहता है। कोई की काम का Load तो बढ़ता रहेगा। और आप अपने काम को टालते रहोगे। तो जदी आप अपने मन को शांत करना चाहते हो।
तो आपको सभी काम आज ही करने होंगे। और अगर काम जादा हो तो आपको प्रयास करना चाहिए। की जल्द से जल्द वो काम को पूरा करदो। इससे आपमे एक नई प्रसन्ता का उदय होगा। जिससे आपमे एक नया होंसला आयेगा। और आप Present में जीना सीखोगे। तो दोस्तों आज से ही आप अपने काम को अभी से करना Start कर दो। कल पर मत टालना।
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